भूल बिसर मत जाई कन्हैया, मेरी ओड़ निभाना जी

jambh bhakti logo
भूल बिसर मत जाई कन्हैया, मेरी ओड़ निभाना जी
भूल बिसर मत जाई कन्हैया, मेरी ओड़ निभाना जी Lyrics

भूल बिसर मत जाई कन्हैया, मेरी ओड़ निभाना जी |

मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, कुंडल झलकत काना जी |

वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,मोहन वंशी बजाना जी ||

हमरी तुम से लगन लगी है , नित प्रति आना जी |

घट-घट वासी अंतरजामी,प्रेम का पंथ निभाना जी ||

जो मोहन मेरो नाम न जानो,मेरो नाम दीवाना जी |

हमरे आँगन तुलसी का बिरवा, जिसके हरे हरे पाना जी ||

जो काना मेरो गाँव न जानो, मेरो गाँव बरसाना जी |

सूरज सामी पोल हमारो चन्दन चौक निसाना जी ||

जन मानस में गुंज रहा है, जय श्री राम: भजन (Jan Manas Mein Goonj Raha Hai Jai Shri Ram)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)

सज धज के बैठी है माँ, लागे सेठानी: भजन (Saj Dhaj Ke Baithi Hai Maa Laage Sethani)

या तो ठाकुर दरसन दीजो , नहीं तो लीजो प्राना जी |

मीरा के प्रभु गिरधर नगर,चरणों में लिपटाना जी ||

भजन :- मै तो जोऊ रे सांवरिया थारी बाट,म्हारो बेडो लगा दीजो पार,मनवा राम सुमर ले

भजन :- गिरधर गोकुल आव ,जंभेश्वर भगवान म्हाने दर्शन दो जी आय, भजन :- गावो गावो ए सईयां म्हारी गितड़ला

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

1 thought on “भूल बिसर मत जाई कन्हैया, मेरी ओड़ निभाना जी”

Leave a Comment