महाकाल बाबा उज्जैन वाले,
जीवन मेरा तेरे हवाले,
दर दर भटका पड़ गए छाले,
मुझको तू उज्जैन बुलाले,
मैं तो ना जाऊँ किसी दर पे,
तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,
अपने दरबार में तू बुलाले,
तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,
अपने दरबार में तू बुलालें ॥
साँचा दरबार है करलो दीदार है,
बेल पत्री तू आके चढ़ा दे,
तेरी झोली भरे हाथ सर पर धरे,
बात दिल की तू इनको सुना दे,
सब भक्तो का काम किया है,
किस्मत से भी ज्यादा दिया है,
मैं तो ना जाऊँ किसी दर पे,
तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,
अपने दरबार में तू बुलालें ॥
ये दयावान है ऐसे भगवान है,
तीनो लोको में इन सा ना दानी,
देव के देव है ये महादेव है,
इनकी ताकत को सबने है मानी,
इनके चरण का हो जा दीवाना,
मिल जाएगा तुझको ठिकाना,
मैं तो ना जाऊँ किसी दर पे,
तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,
अपने दरबार में तू बुलालें ॥
सुनो उज्जैन के वासी,
काट दो यम की अब फांसी,
तुम्हारा नाम गाता हूँ,
तुम्हे हर पल मनाता हूँ,
बैठ नंदी पर अब आओ,
साथ में गौरा को लाओ,
‘प्रेमी’ की झोलिया भरना,
आज देरी नही करना,
तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,
अपने दरबार में तू बुलालें ॥
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया - भजन (Brij Ke Nandlala Radha Ke Sanwariya)
श्री तुलसी षोडशकनाम स्तोत्रम् (Shri Tulasi Shodashakanam Strotam)
महाकाल बाबा उज्जैन वाले,
जीवन मेरा तेरे हवाले,
दर दर भटका पड़ गए छाले,
मुझको तू उज्जैन बुलाले,
मैं तो ना जाऊँ किसी दर पे,
तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,
अपने दरबार में तू बुलाले,
तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,
अपने दरबार में तू बुलालें ॥