शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,
सारे जग की महारानी ये,
जगदम्बा महामाई,
शेरावाली के दरबार मे,
होती है सुनवाई ॥
जिसने माँगा मैया तुझसे,
पल में झोली भर गई,
मैया तेरी लाल चुनरिया,
ऐसा जादू कर गई,
किमस्त खुल गई जिसके सर पे,
लाल चुनर लहराई,
शेरावाली के दरबार मे,
होती है सुनवाई ॥
जब भी कोई भारी संकट,
मैया हम पे आए,
मैया तेरे सिवा हमें कोई,
और नज़र ना आए,
कदम कदम पे भक्तो की,
माँ तूने लाज बचाई,
शेरावाली के दरबार मे,
होती है सुनवाई ॥
तो माँ बड़े गर्व से,
सबको ये बतलाता,
हरपल रक्षा करती मेरी,
शेरावाली माता,
मेरी उंगली थाम के चलती,
मैया की परछाई,
शेरावाली के दरबार मे,
होती है सुनवाई ॥
किसको देना कब क्या देना,
माँ को सब खबर है,
हर भक्तो के ऊपर,
मेरी मैया नज़र है,
मैया की कृपा से ही,
ये श्रष्टि रची रचाई,
शेरावाली के दरबार मे,
होती है सुनवाई ॥
श्री जानकी स्रोत्र - जानकि त्वां नमस्यामि (Janaki Sotra - Janki Twam Namasyami)
मन की तरंग मार लो - भजन (Man Ki Tarang Mar Lo Bas Ho Gaya Bhajan)
कर्पूरगौरं करुणावतारं (Karpura Gauram Karuna Avataram)
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,
सारे जग की महारानी ये,
जगदम्बा महामाई,
शेरावाली के दरबार मे,
होती है सुनवाई ॥
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन