मन में है विश्वास अगर जो,
श्याम सहारा मिलता है,
रोता है कोई श्याम का प्रेमी,
रोता है कोई श्याम का प्रेमी,
श्याम सिंघासन हिलता है ॥
आन्धी आए तुफा आए,
कैसी भी कोई मुश्किल हो,
जीवन नैया डोल रही हो,
दीखता ना कहीं साहिल हो,
ऐसे में विश्वास भक्त का,
एक ना एक दिन फलता है,
मन में है विश्वास अगर तो,
श्याम सहारा मिलता है ॥
राह दिखाता हर प्रेमी को,
जीवन पथ पर साथ चले,
ऐसा है विश्वास सांवरा,
ले हाथों में हाथ चले,
श्याम सहारा बन जाता है,
जब कोई प्रेमी फिसलता है,
मन में हैं विश्वास अगर तो,
श्याम सहारा मिलता है ॥
जिसकी बगिया श्याम सँवारे,
महके वो फुलवारी है,
उस बगिया का फूल सदा ही,
बाबा का आभारी है,
मुरझाये ना फूल कभी वो,
हर मौसम में खिलता है,
मन में हैं विश्वास अगर तो,
श्याम सहारा मिलता है ॥
करले भरोसा श्याम प्रभु पर,
इधर उधर तू भटके क्यूँ,
हाकणया जब श्याम प्रभु है,
तेरी नैया अटके क्यूँ,
अंधकार के बाद ही ‘रोमी’,
सूरज रोज़ निकलता है,
मन में हैं विश्वास अगर तो,
श्याम सहारा मिलता है ॥
गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं (Gopal Gokul Valbhe Priya Gop Gosut Valbham)
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मन में है विश्वास अगर जो,
श्याम सहारा मिलता है,
रोता है कोई श्याम का प्रेमी,
रोता है कोई श्याम का प्रेमी,
श्याम सिंघासन हिलता है ॥