हरि कर दीपक, बजावें संख सुरपति: आरती (Hari Kar Deepak Bajave Shankh Surpati)

jambh bhakti logo

हरि कर दीपक,
बजावें संख सुरपति,
गनपति झाँझ,
भैरों झालर झरत हैं ।
नारदके कर बीन,
सारदा गावत जस,
चारिमुख चारि वेद,
बिधि उचरत हैं ॥

षटमुख रटत,
ससहस्रमुख सिव सिव,
सनक-सनंदनादि,
पाँयन परत हैं ।
बालकृष्ण तीनि लोक,
तीस और तीनि कोटि,
एते शिवशंकरकी,
आरति करत हैं ॥

बनवारी रे! जीने का सहारा तेरा नाम रे: भजन (Banwari Re Jeene Ka Sahara Tera Naam Re)

राजन के राजा महाराजन के महाराजा - शब्द कीर्तन (Rajan Ke Raja, Maharajan Ke Maharaja)

ऊँचे पर्वत चढ़कर जो, तेरे मंदिर आते हैं: भजन (Unche Parvat Chadhkar Jo Tere Mandir Aate Hain)

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment