बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥
झूठी दुनिया, झूठे बंधन,
झूठी है ये माया,
झूठा साँस का आना जाना,
झूठी है ये काया,
यहाँ साँचो तेरो नाम रे ।
बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥
रंग में तेरे, रंग गयी गिरधर,
छोड़ दिया जग सारा,
बन गयी तेरे प्रेम के जोगन,
ले के मन एकतारा,
मुझे प्यारा तेरा धाम रे ।
बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥
दर्शन तेरा, जिस दिन पाऊँ,
हर चिंता मिट जाये,
जीवन मेरा इन चरणों में,
आस की ज्योत जलाये,
मेरी बाँह पकड़ लो श्याम रे ।
बनवारी रे! जीने का सहारा तेरा नाम रे: भजन (Banwari Re Jeene Ka Sahara Tera Naam Re)
त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा (Trisparsha Ekadashi Mahayog Katha)
बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥
गीतकार: हसरत जयपुरी
गायक: लता मंगेशकर
संगीतकार: शंकर जयकिशन
चित्रपट: एक फूल चार कांटे (१९६०)