
जाम्भोजी के द्वारा बताये गए बिश्नोई समाज के प्रश्न तथा उत्तर
प्रश्न 123. गुरुदेव ! आपके मंत्र कहां-कहां काम आयेंगे ? रणधीर ! मेरे मंत्र सब प्रकार के दुःख मिटाने के काम आयेंगे। उत्तर – जैसे-
प्रश्न 123. गुरुदेव ! आपके मंत्र कहां-कहां काम आयेंगे ? रणधीर ! मेरे मंत्र सब प्रकार के दुःख मिटाने के काम आयेंगे। उत्तर – जैसे-
प्रश्न 101. गुरुदेव ! आपने जो अन्न बांटा वो अन्न कहां से लाए ? उत्तर- रणधीर मुझे कोई भी वस्तु लाने में विचार करने की
प्रश्न 71. गुरुदेव ! आप सूतल लोक में कितने समय तक रहे ? उत्तर- रणधीर ! मैं सूतल लोक में चालीस दिनों तक रहा सूतल
प्रश्न 71. गुरुदेव ! आप सूतल लोक में कितने समय तक रहे ? उत्तर- रणधीर ! मैं सूतल लोक में चालीस दिनों तक रहा सूतल
प्रश्न 51. गुरुदेव ! आपके प्रथम शब्दोपदेश का अर्थ हम छोटी बुद्धि के लोग कुछ समझे नहीं, आप कृपा करके हमें समझाइये ? उत्तर- रणधीर
प्रश्न 24. गुरुदेव ! परमात्मा व जीवात्मा में क्या अन्तर है ? उत्तर – रणधीर ! परमात्मा व जीवात्मा में सत्ता रूप में कोई भेद
प्रश्न 24. गुरुदेव ! परमात्मा व जीवात्मा में क्या अन्तर है ? उत्तर – रणधीर ! परमात्मा व जीवात्मा में सत्ता रूप में कोई भेद
धर्मराज युधिष्ठिर कथा भाग 2 हे विल्हा ! मैं तुम्हें वनवास काल की दो घटनाएं सुनाता हूँ- ये घटनाएं युधिष्ठिर के धर्म को दृढ़
सबदवाणी तथा समराथल …….(:- समराथल कथा भाग 13 -:) इस समय प्रामाणिक रूप से प्राप्त जितने भी शब्द गुरु जम्भेश्वर जी ने उच्चारण किये थे
धर्मराज युधिष्ठिर कथा भाग 4 मेरे पिता की कुन्ती और माद्री दो भार्याएं थी, वे दोनों ही पुत्रवती बनी रहे, ऐसा मेरा विचार है। मेरे
साखी – आओ मिलो साधो ओमलो साखी सावण संत जल, सतगुरू सरवर तीर । मन धोबी तन पाटडो,
म्हारे घर आये जम्भ भगवान जम्भेश्वर भजन Lyrics म्हारे घर आए जम्भ भगवान सोने रो सूरज उगियो सोहन कलश गंगा जल भरियो सखियाँ मंगल गाय
भूल बिसर मत जाई कन्हैया, मेरी ओड़ निभाना जी | मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, कुंडल झलकत काना जी | वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,मोहन वंशी
जाम्भोजी और रणधीर के प्रश्न 2. रणधीर ने पूछा- गुरुदेव ! प्रहलाद कौन था ? और उसको वरदान क्यों देना पड़ा ? उत्तर- भगवान बोले-
जांभोजि द्वारा किए गए प्रश्न बिश्नोई समाज के बारे में? भगवान श्री जाम्भोजी और उनके परम शिष्य रणधीर जी का प्रश्नोत्तर दिया गया है जिसका
गुरु आसन समराथल भाग 4 (Samarathal Dhora Katha) श्री देवजी कहते है कि मैं सर्वत्र व्यापक होकर, सभी
गुरु आसन समराथल भाग 3 (Samarathal Dhora ) मेरे पास पापो का खण्डन करने के चार
गुरु आसन समराथल भाग 2 ( Samarathal Katha ) हे कृष्ण! भजन योग्य तो भगवान है उसका भजन नहीं किया, सुनने योग्य भगवान की कथा
गुरु आसन समराथल भाग 1 ( Samarathal Katha ) मूलो प्रोहत
जम्भ भक्ति एक ऐसा माध्यम है जिसपे आप लोग बिश्नोई समाज के भजन, बिश्नोई जाम्भोजी के द्वारा बताये गये सभी प्रश्न उत्तर सभी एक साथ सुन और पढ़ सकते है. जम्भ भक्ति आपको भजन सुनने के लिए प्ले स्टोर पर एप्प देता है जिसे डाउनलोड करके आप भजन, आरती तथा सखी सुन सकते है. जम्भ भक्ति की वेबसाइट पर आप जाम्भोजी के बारे में, बिश्नोई समाज के बारे जान सकते है तथा पढ़ सकते है.
2022© All Right Reserved Jambh Bhakti