बम भोले बम भोले बम बम बम,
यही वो तंत्र है यही वो मंत्र है,
प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम ॥
कभी योगी कभी जोगी,
कभी बाल ब्रम्हचारी,
कभी आदि देव महादेव त्रिपुरारी,
कभी शंकर कभी शम्भू,
कभी भोले भंडारी,
नाम है अनंत तोरे जग बलहारी,
शिव का नाम लो सुबह शाम लो,
गाते रहो जब तक दम में है दम,
बम भोले बम भोले बम बम बम,
यही वो तंत्र है यही वो मन्त्र है,
प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम ॥
दक्ष प्रजापति जब हुंकारा,
तिरशूल से शीश उतारा,
माफ़ी मांगी होश में आए,
बकरे का तब शीश लगायो,
आशुतोष भोले बाबा भये परसन,
बकरे ने मुख से जो बोली बम बम,
बम भोले बम भोले बम बम बम,
यही वो तंत्र है यही वो मन्त्र है,
प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम ॥
कला तित कल्याण कल्पान्त कारी,
सदा सन्त दयानन्द दाता पुरारी,
चिता नन्द समहोह मोहे परारी,
प्रसिद्ध प्रसिद्ध प्रभु मनमा थारी,
ध्यान लगाई के ज्योत जलाई के,
शिव को पुकारते चलो जी हर दम,
बम भोले बम भोले बम बम बम,
यही वो तंत्र है यही वो मन्त्र है,
प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम ॥
खेल रही है जटा गंगा,
बाजे डमरू पिकर भंगा,
खप्पर खाल बाघम्बर अंगा,
मेरो भोला मस्त मलंगा,
गुरु दासः मांगे तेरी नज़रे करम,
भक्तो पे कर दो बाबा करम,
बम भोले बम भोले बम बम बम,
यही वो तंत्र है यही वो मन्त्र है,
प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम ॥
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बम भोले बम भोले बम बम बम,
यही वो तंत्र है यही वो मंत्र है,
प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम ॥
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