गौरा जी को भोले का,
योगी रूप सुहाया है,
इसीलिए तप करके,
भोलेनाथ को पाया है,
गौरा माँ को भोले का ॥
कैलाश पर्वत पे,
शिव जी का बसेरा है,
शिव जी के चरणों में,
गौरा माँ का डेरा है,
शिव शक्ति बन करके,
इन लीला को रचाया है,
गौरा माँ को भोले का,
योगी रूप सुहाया है ॥
मेरे भोले शिव जैसा,
देव ना कोई दूजा,
पार्वती माँ इनकी,
दिन रात करे पूजा,
हर युग में शिव जी का,
देखो साथ निभाया है,
गौरा माँ को भोले का,
योगी रूप सुहाया है ॥
देवों के देव है ये,
महाकाल महादेवा,
गणेश और कार्तिक जी,
इनकी करे सेवा,
नंदी भ्रंगी शिवगण ने,
जयकारा लगाया है,
गौरा माँ को भोले का,
योगी रूप सुहाया है ॥
इक लौटा जल जो भी,
शिव लिंग पे चढ़ाता है,
मन की मुरादे सारी,
शिव मंदिर से पाता है,
अपने सब भक्तो को,
भव पार लगाया है,
गौरा माँ को भोले का,
योगी रूप सुहाया है ॥
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें: भजन (Maiya Ji Se Hoga Milan Dheere Dheere)
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे - भजन (He Govind He Gopal Ab To Jeevan Hare)
लाखों महफिल जहाँ में यूँ तो - भजन (Lakho Mehfil Jahan Me Yun Too)
गौरा जी को भोले का,
योगी रूप सुहाया है,
इसीलिए तप करके,
भोलेनाथ को पाया है,
गौरा माँ को भोले का ॥
शिव चालीसा | लिङ्गाष्टकम् | शिव आरती | शिव भजन | शिव पंचाक्षर स्तोत्र | द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र