संसार ये छूटे चाहे प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे ॥
रहे जबतक ये जिंदगानी,
तुम्हारा साथ हो मैया,
रहूँ जबतक मैं दुनिया में,
ये सिर पर हाथ हो मैया,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहें प्राण ये छुटे ॥
उजड़ जाए सारा गुलशन,
और दुनिया उजड़ जाए,
बेटा जीते जी मर जाए,
जो उसकी माँ बिछड़ जाए,
संसार यें छूटे चाहें प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे ॥
अगर बेटे के सर से माँ,
जरा सा आँचल हटता है,
वो रोए फुट फुट कर माँ,
कलेजा ऐसा फटता है,
संसार यें छूटे चाहें प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे ॥
यही विनती है ‘बनवारी’,
की मैया रूठ ना जाए,
तेरे हाथों से माँ मेरी,
ये उंगली छुट ना जाए,
संसार यें छूटे चाहें प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे ॥
राम सीता और लखन वन जा रहे - भजन (Ram Sita Aur Lakhan Van Ja Rahe)
प्रथमेश गजानंद नाम तेरो: भजन (Prathamesh Gajanan Naam Tero )
सीता राम दरस रस बरसे - भजन (Sita Ram Daras Ras Barse Jese Savan Ki Jhadi)
संसार ये छूटे चाहें प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे ॥
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन