माँ का नाम जपे जा हर पल,
लागे ना कोई मोल रे,
जय माता दी बोल रे तू,
जय माता दी बोल रे ॥
माता रानी की मन्त्र जो जपते,
माँ को लगते प्यारे,
महारानी माँ वैष्णो का तू,
निशदिन ध्यान लगा ले,
मन की अंगूठी में तू जड़ ले,
ये हीरा अनमोल रे,
जय माता दी बोल रे तू,
जय माता दी बोल रे ॥
जिसने जो माँगा दे डाली,
ऐसी है माँ दानी,
इनसे ना कोई भेद छुपा है,
सबके मन की जानी,
सबकी नेकी बदिया रही माँ,
सच की तराजू तोल रे,
जय माता दी बोल रे तू,
जय माता दी बोल रे ॥
लाल चुनरिया ओढ़ के बैठी,
गुफा में पिंडी रानी है,
माँ की महिमा कैसे जाने,
हम मूरख अज्ञानी है,
यहाँ वहां मत ढूढ़ सरल तू,
भीतर अपने टटोल रे,
जय माता दी बोल रे तू,
जय माता दी बोल रे ॥
माँ का नाम जपे जा हर पल,
लागे ना कोई मोल रे,
जय माता दी बोल रे तू,
जय माता दी बोल रे ॥
राधिके ले चल परली पार - भजन (Radhike Le Chal Parli Paar)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 21)
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन