कभी भूलू ना कभी भूलू ना
कभी भूलू ना याद तुम्हारी
रटू तेरा नाम मैं साँझ सवेरे
राधा रमण मेरे, राधा रमण
राधा रमण मेरे, राधा रमण
सिर मोर मुकुट कानन कुन्दल,
दो चंचल नैन कटारे
मुख कमल से भवरे बने,
केश लहराये काले काले
हो जाओ प्रकट मन हृदय मे,
करो दिल के दूर अन्धेरे
राधा रमण मेरे, राधा रमण
राधा रमण मेरे, राधा रमण
कभी भूलू ना कभी भूलू ना
कभी भूलू ना याद तुम्हारी
रटू तेरा नाम मैं साँझ सवेरे
राधा रमण मेरे, राधा रमण
राधा रमण मेरे, राधा रमण
गल सोहे रही मोतिन माला,
अधरो पर मुरली सजाये
करे घायल तिरछी चितवन से,
मुस्कान से चैन चुराये
हो भक्तो के सिर ताज सिंधु,
राधा रानी के चेरे
राधा रमण मेरे, राधा रमण
राधा रमण मेरे, राधा रमण
कभी भूलू ना कभी भूलू ना
कभी भूलू ना याद तुम्हारी
रटू तेरा नाम मैं साँझ सवेरे
राधा रमण मेरे, राधा रमण
राधा रमण मेरे, राधा रमण
पंच परमेष्ठी आरती (Panch Parmeshthi Aarti)
अभयदान दीजै दयालु प्रभु - भजन (Abhaydan Deejai Dayalu Prabhu Shiv Aarti)
शिव जी की महिमा अपरम्पार है - भजन (Shivji Ki Mahima Aprampaar Hai)
अपनी आँचल की छाया मे,
करूणामयी मुझे छिपा लो
मैं जन्म जन्म से भटका हूँ,
मेरे नाथ मुझे अपना लो
मेरे नाथ, मेरे नाथ, मेरे नाथ
प्राणेशरमण तुम संग मेरे,
हृदयशरमण तुम संग मेरे
हैं जन्म जन्म के तेरे
राधा रमण मेरे, राधा रमण
राधा रमण मेरे, राधा रमण
कभी भूलू ना कभी भूलू ना
कभी भूलू ना याद तुम्हारी
रटू तेरा नाम मैं साँझ सवेरे
राधा रमण मेरे, राधा रमण
राधा रमण मेरे, राधा रमण