ना मांगू मैं हीरे मोती,
ना मांगू मैं सोना चांदी,
मांगू तो बस तेरा साथ,
ओ मेरे बाबा भोलेनाथ,
ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥
उगता रहे यूँ ही सूरज तेरा,
तेरे बिना ना हो मेरा सवेरा,
तू ही तो है सब कुछ मेरा,
तेरे बिना नही कोई मेरा,
मुझे ले चल तू अपने साथ,
ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥
मार्कण्डेय के गले में पड़ा जब,
काल का पहरा,
भोले शंकर ने प्रकट होकर,
उस काल को घेरा,
नंदी को तूने मौत से बचाया,
मौत से बचाकर गण अपना बनाया,
रख मेरे भी सर पर भी हाथ,
ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥
कालो के काल शम्भू तुम हो विकराल,
कहती है दुनिया तुम्हे महाकाल,
तुम हो पिता मैं तुम्हारा हूँ लाल,
मिल जाओ मुझको हो जाए कमाल,
मेरे जीवन की नैया तेरे हाथ,
ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो - भजन (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)
लचकि लचकि आवत मोहन: भजन (Lachaki Lachaki Awat Mohan)
ना मांगू मैं हीरे मोती,
ना मांगू मैं सोना चांदी,
मांगू तो बस तेरा साथ,
ओ मेरे बाबा भोलेनाथ,
ओ मेरे बाबा भोलेंनाथ ॥