दोहा:
बाबा थारी मोरछड़ी,
घूमे करे कमाल ।
धूम मची खाटू नगर में,
भक्तां करे धमाल ॥
हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,
संकट काटे खड़ी खड़ी,
मेरे सर पे बाबा श्याम,
घुमा दें मोरछड़ी,
मेरे सर पे बाबा श्याम,
घुमा दें मोरछड़ी ॥
शरण पड्या म्हे थारी अरज करा,
खोलो पट बाबा तेरा दरश करा,
तेरो बहुत बड़ो रे नाम,
घुमा दें मोरछड़ी,
तेरो बहुत बड़ो रे नाम,
घुमा दें मोरछड़ी ॥
सांचो रे दयालु तू तो मेहर करे,
भोला भक्तां की बाबा झोलियाँ भरे,
पुजवा रयो खाटू धाम,
घुमा दें मोरछड़ी,
पुजवा रयो खाटू धाम,
घुमा दें मोरछड़ी ॥
बैठ्यो बैठ्यो मिठो मिठो मुस्कावे,
रोता जो भी आवे हँसता जावे,
लहरी सुमिरा सुबहो शाम,
घुमा दें मोरछड़ी,
लहरी सुमिरा सुबहो शाम,
घुमा दें मोरछड़ी ॥
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ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)
श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् (Shri Mallikarjuna Mangalashasanam)
हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,
संकट काटे खड़ी खड़ी,
मेरे सर पे बाबा श्याम,
घुमा दे मोरछड़ी,
मेरे सर पे बाबा श्याम,
घुमा दें मोरछड़ी ॥
– उमा लहरी जी।