गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी ।
सुरहिन गैया को गोबर मनागौं,
दिग धर अगना लीपाऊं,
आज सुध लीजे हमारी ।
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी ।
गंगा जल स्नान कराऊँ,
पीताम्बर पहनाऊं,
आज सुध लीजे हमारी ।
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी ।
हरी हरी दूब मैं खूब चढ़ाऊँ,
चन्दन घोल लगाऊं,
आज सुध लीजे हमारी ।
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विजया एकादशी व्रत कथा (Vijaya Ekadashi Vrat Katha)
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी ।
पहली पूजा करूँ तुम्हारी,
लड्डू भोग लगाऊं,
आज सुध लीजे हमारी ।
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी ।