बिसर गई सब तात पराई,
जब ते साध संगत मोहे पाई,
ना कोई बैरी नहीं बेगाना,
सगल संग हमको बन आई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।
जो प्रभु कीन्हो सो भल मान्यो,
एह सुमत साधु ते पाई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।
सब में रव रहिया प्रभु एको,
पेख पेख नानक बिगसाई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।
बैठी हो माँ सामने, कर सोलह श्रृंगार: भजन (Baithi Ho Maa Samne Kar Solah Shringar)
मेरी लाज बचा लो: भजन (Meri Laaj Bacha Lo)
श्री हनुमान बाहुक (Shri Hanuman Bahuk)
Post Views: 114