आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!
शिश मणी मौरिया, कुण्डल सोहे कनमा,
कारी कारी कजरारी जुलमी नयनमा,
लाल चंदन सोहे इनके भाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!
श्यामल-श्यामल, गोरे- गोरे, जोड़ीया जहान रे,
अँखिया ना देखनी सुनलीं ने कान हे
जुगे जुगे, जीबे जोड़ी बेमिसाल सखिया
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!
गगन मगन आजु, मगन धरतिया,
देखि देखि दुलहा जी के, साँवर सुरतिया,
हार के आया मैं जग सारा (Haare Ka Sahara Mera Shyam)
मईया जी मेरे हाथ को, अब थाम लीजिये: भजन (Maiya Ji Mere Hath Ko Ab Tham Lijiye)
कण-कण में है राम समाया, जान सके तो जान: भजन (Kan Kan Me Hai Ram Samaya Jan Sake Too Jan)
बाल वृद्ध, नर-नारी, सब बेहाल सखिया
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!
जेकरा लागी जोगी मुनि, जप तप कईले,
से मोरा मिथिला में पाहुन बन के अईले
आजु लोढ़ा से सेदाई इनके गाल सखिया..
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!