साथी हारे का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे,
मेरा ये नसीबा भी,
सोया है जगा दे,
साथी हारें का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे ॥
दुनिया में घुमा मुझे,
मिली रुसवाई है,
अपनों से जख्म मिले,
आँख भर आई है,
सबको निभाते हो,
सबको निभाते हो,
मुझे भी निभा दे,
साथी हारें का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे ॥
तुमसे छुपाऊं क्या मैं,
तुम्हे सब पता है,
हाथ जोड़ माफ़ी मांगू,
हुई जो खता है,
दयालु दया थोड़ी,
दयालु दया थोड़ी,
मुझपे भी लुटा दे,
साथी हारें का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे ॥
हारे का सहारा है तू,
मैं भी एक हारा,
इतिहास कहता तुमने,
लाखों को उबारा,
‘मोहित’ मेरी भी,
‘मोहित’ मेरी भी,
किस्मत सजा दे,
साथी हारें का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे ॥
BhaktiBharat Lyrics
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साथी हारे का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे,
मेरा ये नसीबा भी,
सोया है जगा दे,
साथी हारें का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे ॥