मईया जी मेरे हाथ को, अब थाम लीजिये: भजन (Maiya Ji Mere Hath Ko Ab Tham Lijiye)

jambh bhakti logo

मैया जी मेरे हाथ को,
अब थाम लीजिये ॥

दोहा – रोता हूँ जार जार,
कुछ असर ही नहीं है,
लगता है मेरी मात को,
मेरी फ़िकर ही नहीं है ॥

मैया जी मेरे हाथ को,
अब थाम लीजिये,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
अब ध्यान दीजिये,
मईया जी मेरे हाथ को,
अब थाम लीजिये ॥

कर ना सको जो माँ मेरी,
माँगा नहीं है वो,
सहने ना पाऊं मैं जिसे,
लागा है घाव वो,
अपनी दया का अब मुझे,
कुछ दान दीजिये,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
अब ध्यान दीजिये,
मईया जी मेरे हाथ को,
अब थाम लीजिये ॥

लगता है मेरी बात का,
कुछ भी असर नहीं,
बेटे की मात क्या तुझे,
कुछ भी फिकर नहीं,
हालात है बुरे ओ माँ,
ये जान लीजिये,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
अब ध्यान दीजिये,
मईया जी मेरे हाथ को,
अब थाम लीजिये ॥

हमने सुना है दीन पे,
करती हो तुम दया,
कहने में तुमसे माँ मेरी,
आती नहीं हया,
तेरे ‘हर्ष’ का रुका हुआ,
हर काम कीजिये,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
अब ध्यान दीजिये,
मईया जी मेरे हाथ को,
अब थाम लीजिये ॥

श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान की बाल लीला भाग 2

योगिनी एकादशी व्रत कथा (Yogini Ekadashi Vrat Katha)

सेंसेजी का अभिमान खंडन भाग 1

मईया जी मेरे हाथ को,
अब थाम लीजिये,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
मजबूर हूँ माँ मैं बड़ा,
अब ध्यान दीजिये,
मईया जी मेरे हाथ को,
अब थाम लीजिये ॥

दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment