राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
राधा जब सोलह शृंगार करे,
प्रभ दर्पण आप दिखाते है,
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
राधा जब पनघट पे जावे,
प्रभु मटकी आप उठाते है,
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
राधा जब भोग तैय्यार करे,
हरी आकर भोग लगाते है,
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
राधा जब कुँजन मे जावे,
प्रभु आकर रास रचाते है,
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
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राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥