कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना! (Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina)

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कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥

मेरे पापों का कोई ठिकाना नहीं,
तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं,
शरण देदो मेरे अवगुण निहारे बिना॥
॥ कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना…॥

मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया,
अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया,
जीवन नीरस है अखिओं के तारे बिना॥
॥ कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना…॥

प्यारी पतितों की पतवार तुम ही तो हो,
दीन दुखिओं की आधार तुम्ही तो हो,
अब मैं जाऊं कहा तेरे द्वारे बिना॥
॥ कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना…॥

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कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

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