हरी नाम सुमिर सुखधाम,
हरी नाम सुमिर सुखधाम
जगत में जीवन दो दिन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
॥ हरी नाम सुमिर सुखधाम…॥
सभी छोड़ कर चला मुसाफिर,
वास हुआ वन का
सुन्दर काया देख लुभाया,
लाड कर तन का
छूटा स्वास बिखर गयी देहि,
जो माया मन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
जो बनवारी लगे प्यारी प्यारी,
मौज करे मन का
काल बलि का लगे तमाचा,
भूल जाये धन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
यह संसार स्वप्न की माया,
मेला पल छिन का
ब्रह्मा नन्द भजन कर बन्दे,
मात निरंजन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे: भजन (Maiya Tumko Manave Tere Bhakt Re)
जिस घर में मैया का, सुमिरन होता: भजन (Jis Ghar Mein Maiya Ka Sumiran Hota)
माँगा है भोलेनाथ से, वरदान एक ही: भजन (Manga Hai Bholenath Se Vardan Ek Hi)
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
हरी नाम सुमिर सुखधाम
जगत में जीवन दो दिन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
आरती कुंजबिहारी की | आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन | श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं | आरती श्री बाल कृष्ण जी की | ॐ जय जगदीश हरे | मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं | कृष्ण भजन | अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं | श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी