चटक मटक चटकीली चाल, और ये घुंघर वाला बाल: भजन (Chatak Matak Chatkili Chaal Aur Ye Ghunghar Wala Baal)

jambh bhakti logo

चटक मटक चटकीली चाल,
और ये घुंघर वाला बाल,
तिरछा मोर मुकट सिर पे,
और ये गल बैजंती माल,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

नटखट नटवर नन्द दुलारे,
तुम भक्तो के प्राण आधारे,
चंचल चितवन चीर चुरइयाँ,
सबकी नैया पार लगइयाँ,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

केसरिया बागा तन सोहे,
बांकी अदा मेरा मन मोहे,
कैसी मंत्र मोहनी डाली,
मैं सुध भूल भई मतवारी,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

पल पल करू वंदना तेरी,
पूरी करो कामना मेरी,
छवि धाम रूप रस खानी,
प्रीत की रीत निभानी जानी,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

भक्ति का दीप मन में जलाये रखना: भजन (Bhakti Ka Deep Man Me Jalaye Rakhna)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 10 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 10)

नौ दिन का त्यौहार है आया: भजन (Nau Din Ka Tyohaar Hai Aaya)

चटक मटक चटकीली चाल,
और ये घुंघर वाला बाल,
तिरछा मोर मुकट सिर पे,
और ये गल बैजंती माल,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment