मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई – मीराबाई भजन (Mere to Giridhar Gopal Dusro Na Koi)

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मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

कोई कहे कारो, कोई कहे गोरो
कोई कहे कारो, कोई कहे गोरो
लियोन हे अक्खियां को
कोई कहे हलकों, कोई कहे भरो
कोई कहे हलकों, कोई कहे भरो
लियोन हे तराजू टोल
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

कोई कहे छानी, कोई कहे छावनी
कोई कहे छानी, कोई कहे छावनी
लियोन हे पचंता टोल
तन का गहना मैं सब कुछ दिन
तन का गहना, सब कुछ दिन
दियो है बाजूबंद खोल
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई
जाके सर मोर-मुकुट, मेरो पति सोई

कोई कहे कारो,कोई कहे गोरो
लियो है अँखियाँ खोल
कोई कहे हलको,कोई कहे भारो
लियो है तराजू तौल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई

कोई कहे छाने,कोई कहे छुवने
लियो है बजन्ता ढोल
तन का गहना मैं सब कुछ दीन्हा
लियो है बाजूबंद खोल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई

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असुवन जल सींच-सींच प्रेम बेल बोई
अब तो बेल फ़ैल गयी
आनंद फल होई
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई

तात-मात भ्रात बंधू
आपणो ना कोई
छाड़ गयी कुल की कान
का करीहे कोई?
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई

चुनरी के किये टोक
ओढली लिए लोई
मोती-मूंगे उतार
बन-माला पोई
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई

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Sandeep Bishnoi

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