चटक मटक चटकीली चाल, और ये घुंघर वाला बाल: भजन (Chatak Matak Chatkili Chaal Aur Ye Ghunghar Wala Baal)

jambh bhakti logo

चटक मटक चटकीली चाल,
और ये घुंघर वाला बाल,
तिरछा मोर मुकट सिर पे,
और ये गल बैजंती माल,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

नटखट नटवर नन्द दुलारे,
तुम भक्तो के प्राण आधारे,
चंचल चितवन चीर चुरइयाँ,
सबकी नैया पार लगइयाँ,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

केसरिया बागा तन सोहे,
बांकी अदा मेरा मन मोहे,
कैसी मंत्र मोहनी डाली,
मैं सुध भूल भई मतवारी,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

पल पल करू वंदना तेरी,
पूरी करो कामना मेरी,
छवि धाम रूप रस खानी,
प्रीत की रीत निभानी जानी,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

श्री बालाजी आरती (Shri Balaji Ki Aarti)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 23 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 23)

हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrat Katha)

चटक मटक चटकीली चाल,
और ये घुंघर वाला बाल,
तिरछा मोर मुकट सिर पे,
और ये गल बैजंती माल,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment