श्री शङ्कराचार्य कृतं – शिव स्वर्णमाला स्तुति (Shiv Swarnamala Stuti)

jambh bhakti logo

साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

ईशगिरीश नरेश परेश महेश बिलेशय भूषण भो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

उमया दिव्य सुमङ्गल विग्रह यालिङ्गित वामाङ्ग
विभो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

ऊरी कुरु मामज्ञमनाथं दूरी कुरु मे दुरितं भो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

ॠषिवर मानस हंस चराचर जनन स्थिति लय कारण भो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

अन्तः करण विशुद्धिं भक्तिं च त्वयि सतीं प्रदेहि विभो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

करुणा वरुणा लय मयिदास उदासस्तवोचितो न हि भो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

जय कैलास निवास प्रमाथ गणाधीश भू सुरार्चित भो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

झनुतक झङ्किणु झनुतत्किट तक शब्दैर्नटसि महानट
भो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

धर्मस्थापन दक्ष त्र्यक्ष गुरो दक्ष यज्ञशिक्षक
भो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

मेरी सुनकर करुण पुकार भवानी आएगी: भजन (Meri Sunkar Karun Pukaar Bhawani Aayegi)

तेरा जग है करें गुणगान, गजानन लम्बोदर: भजन (Tera Jag Hai Kare Gunagaan Gajaanan Lambodar)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 9 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 9)

बलमारोग्यं चायुस्त्वद्गुण रुचितं चिरं प्रदेहि
विभो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

शर्व देव सर्वोत्तम सर्वद दुर्वृत्त गर्वहरण
विभो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

भगवन् भर्ग भयापह भूत पते भूतिभूषिताङ्ग विभो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

षड्रिपु षडूर्मि षड्विकार हर सन्मुख षण्मुख जनक
विभो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रह्मे त्येल्लक्षण लक्षित
भो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

हाऽहाऽहूऽहू मुख सुरगायक गीता पदान पद्य विभो।
साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥

श्री शङ्कराचार्य कृतं!

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment