जय गणेश गणनाथ दयानिधि – भजन (Jai Ganesh Gananath Dayanidhi)

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गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,
सकल विघन कर दूर हमारे,
जय गणेश गणनाथ दयानिधि,
सकल विघन कर दूर हमारे ।

प्रथम धरे जो ध्यान तुम्हारो,
तिसके पूरण कारज सारे,
जय गणेश गणनाथ दयानिधि,
सकल विघन कर दूर हमारे ।

लंबोदर गजवदन मनोहर,
कर त्रिशूल परशू वर धारे,
जय गणेश गणनाथ दयानिधि,
सकल विघन कर दूर हमारे ।

ऋद्धि सिद्धि दोऊ चमर ढुलावे,
मूषक वाहन परम सुखारे,
जय गणेश गणनाथ दयानिधि,
सकल विघन कर दूर हमारे ।

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ब्रहादिक सुर ध्यावत मन में,
ऋषि मुनिगण सब दास तुम्हारे,
जय गणेश गणनाथ दयानिधि,
सकल विघन कर दूर हमारे ।

ब्रह्मानंद सहाय करो नित
भक्तजनो के तुम रखवारे,
जय गणेश गणनाथ दयानिधि,
सकल विघन कर दूर हमारे ।

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

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