णमोकार मंत्र है न्यारा, इसने लाखों को तारा।
इस महा मंत्र का जाप करो, भव जल से मिले किनारा।
णमो अरिहंताणं,
णमो सिद्धाणं,
णमो आयरियाणं,
णमो उवज्झायाणं,
णमो लोए सव्व साहूणं ।
एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो ।
मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं ।
कैसे दर आऊं, मैं तेरे दरश पाने को: भजन (Kaise Dar Aau Main Tere Darash Pane Ko)
शीतलाष्टक स्तोत्र (Sheetla Ashtakam Stotram)
भजन: थारी जय जो पवन कुमार! (Bhajan: Thari Jai Ho Pavan Kumar Balihari Jaun Balaji)
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