हर महादेव आरती: सत्य, सनातन, सुंदर (Har Mahadev Aarti: Satya Sanatan Sundar)

हर महादेव आरती: सत्य, सनातन, सुंदर (Har Mahadev Aarti: Satya Sanatan Sundar)

सत्य, सनातन, सुंदर,
शिव! सबके स्वामी ।
अविकारी, अविनाशी,
अज, अंतर्यामी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
आदि अनंत, अनामय,
अकल, कलाधारी ।
अमल, अरूप, अगोचर,
अविचल अघहारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर,
तुम त्रिमूर्तिधारी ।
कर्ता, भर्ता, धर्ता,
तुम ही संहारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

रक्षक, भक्षक, प्रेरक,
तुम औढरदानी ।
साक्षी, परम अकर्ता,
कर्ता अभिमानी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

मणिमय भवन निवासी,
अति भोगी, रागी ।
सदा मसानबिहारी,
योगी वैरागी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

छाल, कपाल, गरल,
गल, मुंडमाल व्याली ।
चिताभस्म तन, त्रिनयन,
अयन महाकाली ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

प्रेत-पिशाच, सुसेवित
पीत जटाधारी ।
विवसन, विकट रूपधर,
रुद्र प्रलयकारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

शुभ्र, सौम्य, सुरसरिधर,
शशिधर, सुखकारी ।
अतिकमनीय, शान्तिकर
शिव मुनि मन हारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 5 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 5)

कैसी यह देर लगाई दुर्गे... (Kaisi Yeh Der Lagayi Durge)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 35 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 35)

निर्गुण, सगुण, निरंजन,
जगमय नित्य प्रभो ।
कालरूप केवल, हर!
कालातीत विभो ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

सत-चित-आनँद, रसमय,
करुणामय, धाता ।
प्रेम-सुधा-निधि, प्रियतम,
अखिल विश्व-त्राता ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

हम अति दीन, दयामय!
चरण-शरण दीजै ।
सब विधि निर्मल मति,
कर अपना कर लीजै ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment