
बधाई भजन: बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे (Badhai Bhajan Baje Kundalpur Me Badayi Nagri Me Veer Janme)
नवजात शिशु के जन्म बधाई की खुशी मे यह गीत या भजन भारत के जैन समाज मे बहुत लोकप्रिय है!बजे कुण्डलपर में बधाई,के नगरी में
नवजात शिशु के जन्म बधाई की खुशी मे यह गीत या भजन भारत के जैन समाज मे बहुत लोकप्रिय है!बजे कुण्डलपर में बधाई,के नगरी में
घर घर बधाई बाजे रे देखो,घर घर बधाई बाजे रे,ढोलक नगाड़ा वाजे रे देखो,ढोलक नगाड़ा वाजे रेजन में अयोध्या में राम लला की,माता कौशल्या खिलाये
लाज रखो हे कृष्ण मुरारी,हे गिरधारी हे बनवारी,हे गिरधारी हे बनवारी,लाज रखों हे कृष्ण मुरारी ॥कहता है खुद को बलशाली,कहता है खुद को बलशाली,खिंच रहा,खिंच
तेरी अंखिया हैं जादू भरी,बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥सुनलो मेरे श्याम सलोना,तुमने ही मुझ पर,कर दिया टोना,मेरी अंखियाँ तुम्ही से लड़ी,बिहारी मैं तो
दिखाऊं कोनी लाड़लो,नजर लग जाए,नजर लग जाए रे,जुलम होय जाए,दिखाऊँ कोनी लाड़लो,नजर लग जाए ॥विषधर तेरे गले में लिपटे,अंग भभूत रमाए,तेरे रूप को देख के
धनवानों का मान है जग में,निर्धन का कोई मान नहीं ।ए मेरे भगवन बता दे,निर्धन क्या इन्सान नहीं ॥पास किसी के हीरे मोती,पास किसी के
कृपालु भगवन् कृपा हो करते,इसी कृपा से नर तन मिला है ।दयालु भगवन् दया हो करते,इसी दया से ये मन मिला है ॥अजर, अमर तुम
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