धनवानों का मान है जग में,
निर्धन का कोई मान नहीं ।
ए मेरे भगवन बता दे,
निर्धन क्या इन्सान नहीं ॥
पास किसी के हीरे मोती,
पास किसी के लंगोटी है ।
दूध मलाई खाए कोई,
कोई सूखी रोटी है ।
मुझे पता क्या तेरे राज्य में,
निर्धन का सम्मान नहीं ॥
धनवानों का मान है जग में,
निर्धन का कोई मान नहीं ।
ए मेरे भगवन बता दे,
निर्धन क्या इन्सान नहीं ॥
एक को सुख साधन,
फिर क्यों एक को दुःख देते हो ।
नंगे पाँव दौड़ लगाकर,
खबर किसी की लेते हो ।
लोग कहे भगवन तुझे,
पर में कहता भगवन नहीं ॥
धनवानों का मान है जग में,
निर्धन का कोई मान नहीं ।
ए मेरे भगवन बता दे,
निर्धन क्या इन्सान नहीं ॥
भक्ति करे जो तेरी वो,
बैतरनी को तर जाये ।
जो न सुमरे तुम्हे,
भंवर के जाल में वो फस जाये ।
पहले रिश्वत लिए तो तारे,
क्या इसमें अपमान नहीं ॥
चलो भोले बाबा के द्वारे: भजन (Chalo Bhole Baba Ke Dware)
धनवानों का मान है जग में.. (Dhanawanon Ka Mann Hai Jag Mein)
हे मुरलीधर छलिया मोहन - भजन (Hey Muralidhar Chhaliya Mohan)
धनवानों का मान है जग में,
निर्धन का कोई मान नहीं ।
ए मेरे भगवन बता दे,
निर्धन क्या इन्सान नहीं ॥
तेरी जगत की रित में है क्या,
हो जग के रखवाले ।
दे ना सको अगर सुख का साधन,
तो मुजको तू बुलवाले ।
अर्जी तेरे है बच्चो की,
तू भी तो अनजान नहीं ॥
धनवानों का मान है जग में,
निर्धन का कोई मान नहीं ।
ए मेरे भगवन बता दे,
निर्धन क्या इन्सान नहीं ॥