
जन्म बधाई भजन: घर घर बधाई बाजे रे देखो (Ghar Ghar Badhai Baje Re Dekho)
घर घर बधाई बाजे रे देखो, घर घर बधाई बाजे रे, ढोलक नगाड़ा वाजे रे देखो, ढोलक नगाड़ा वाजे रे जन में अयोध्या में राम
घर घर बधाई बाजे रे देखो, घर घर बधाई बाजे रे, ढोलक नगाड़ा वाजे रे देखो, ढोलक नगाड़ा वाजे रे जन में अयोध्या में राम
नवजात शिशु के जन्म बधाई की खुशी मे यह गीत या भजन भारत के जैन समाज मे बहुत लोकप्रिय है! बजे कुण्डलपर में बधाई, के
जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ चारों धाम में सबसे बड़ा है ,जगन्नाथ धाम जगन्नाथ भगवान की, महिमा अपरम्पार भक्तों को दर्शन देते,करते उनके काम। कर लो
जगदीश ज्ञान दाता, सुख मूल शोकहारी । भगवन् ! तुम्हीं सदा हो, निष्पक्ष न्यायकारी ॥ सब काल सर्व ज्ञाता, सविता पिता विधाता । सब में
हे जग स्वामी, अंतर्यामी, तेरे सन्मुख आता हूँ । सन्मुख आता, मैं शरमाता भेंट नहीं कुछ लाता हूँ ॥ हे जग स्वामी…॥ पापी जन हूँ,
कृपालु भगवन् कृपा हो करते, इसी कृपा से नर तन मिला है । दयालु भगवन् दया हो करते, इसी दया से ये मन मिला है
धनवानों का मान है जग में, निर्धन का कोई मान नहीं । ए मेरे भगवन बता दे, निर्धन क्या इन्सान नहीं ॥ पास किसी के