Aarti

श्री गंगा आरती (Shri Ganga Aarti)

॥ श्री गंगा मैया आरती ॥हर हर गंगे, जय माँ गंगे,हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥ॐ जय गंगे माता,श्री जय गंगे माता ।जो नर

अन्नपूर्णा आरती (Annapurna Aarti)

बारम्बार प्रणाम,मैया बारम्बार प्रणाम ।जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम ।अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,लेत होत सब काम ॥ बारम्बार प्रणाम,मैया बारम्बार प्रणाम । प्रलय

दत्ताची आरती (Datta Aarti)

त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा ।त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्य राणा ।नेती नेती शब्द न ये अनुमाना ॥सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥जय देव जय

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भगवद्‍ गीता आरती (Aarti Shri Bhagwat Geeta)

जय भगवद् गीते,जय भगवद् गीते ।हरि-हिय-कमल-विहारिणि,सुन्दर सुपुनीते ॥कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,कामासक्तिहरा ।तत्त्वज्ञान-विकाशिनि,विद्या ब्रह्म परा ॥जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि,निर्मल मलहारी ।शरण-सहस्य-प्रदायिनि,सब विधि सुखकारी ॥जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणि,कारिणि मोद सदा

आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki)

आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥गले में बैजंती माला,बजावै मुरली मधुर बाला ।श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद

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Sandeep Bishnoi