दत्ताची आरती (Datta Aarti)

त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा ।
त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्य राणा ।
नेती नेती शब्द न ये अनुमाना ॥
सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥
जय देव जय देव जय श्री गुरुद्त्ता ।
आरती ओवाळिता हरली भवचिंता ॥

सबाह्य अभ्यंतरी तू एक द्त्त ।
अभाग्यासी कैची कळेल हि मात ॥
पराही परतली तेथे कैचा हेत ।
जन्ममरणाचाही पुरलासे अंत ॥

दत्त येऊनिया ऊभा ठाकला ।
भावे साष्टांगेसी प्रणिपात केला ॥
प्रसन्न होऊनि आशीर्वाद दिधला ।
जन्ममरणाचा फेरा चुकवीला ॥

दत्त दत्त ऐसें लागले ध्यान ।
हरपले मन झाले उन्मन ॥
मी तू पणाची झाली बोळवण ।
एका जनार्दनी श्रीदत्तध्यान ॥

श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा (Shri Jhulelal Om Jai Doolah Deva)

दृष्टि हम पे दया की माँ डालो: भजन (Drashti Hum Par Daya Ki Maa Dalo)

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया - भजन (Brij Ke Nandlala Radha Ke Sanwariya)

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment