राम नाम सुखदाई, भजन करो भाई
ये जीवन दो दिन का
॥ राम नाम सुखदाई…॥
ये तन है जंगल की लकड़ी, ये तन है जंगल की लकड़ी
आग लगे जल जाए, भजन करो भाई
ये जीवन दो दिन का
॥ राम नाम सुखदाई…॥
ये तन है कागज की पूडिया, ये तन है कागज की पुडिया
हवा चले उड़ जाई, भजन करो भाई
ये जीवन दो दिन का
॥ राम नाम सुखदाई…॥
ये तन है माटी का ढेला, ये तन है माटी का ढेला
बूँद पड़े गल जाई, भजन करो भाई
ये जीवन दो दिन का
॥ राम नाम सुखदाई…॥
ये तन है फूलो का बगीचा, ये तन है फूलो का बगीचा
धूप पड़े मुरझाई, भजन करो भाई
ये जीवन दो दिन का
॥ राम नाम सुखदाई…॥
ये तन है कच्ची है हवेली, ये तन है कच्ची है हवेली
पल मे टूट जाई, भजन करो भाई
ये जीवन दो दिन का
॥ राम नाम सुखदाई…॥
जाम्भोजी के द्वारा बताये गए बिश्नोई समाज के प्रश्न तथा उत्तर
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अपरा / अचला एकादशी व्रत कथा (Apara / Achala Ekadashi Vrat Katha)
ये तन है सपनो की माया, ये तन है सपनो की माया
आँख खुले कुछ नाही, भजन करो भाई
ये जीवन दो दिन का
॥ राम नाम सुखदाई…॥
राम नाम सुखदाई, भजन करो भाई
ये जीवन दो दिन का