अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार – भजन (Ab Saump Diya Is Jeevan Ka Sab Bhar Tumhare Hathon Me)

jambh bhakti logo

अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में,
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में ॥

मेरा निश्चय है बस एक यही,
एक बार तुम्हे पा जाऊं मैं,
अर्पण करदूँ दुनिया भर का,
सब प्यार तुम्हारे हाथों में ॥

जो जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ,
जैसे जल में कमल का फूल रहे,
मेरे सब गुण दोष समर्पित हों,
करतार तुम्हारे हाथों में ॥

यदि मानव का मुझे जन्म मिले,
तो तेरे चरणों का पुजारी बनूँ,
इस पूजा की एक एक रग का,
हो तार तुम्हारे हाथों में ॥

जब जब संसार का कैदी बनू,
निष्काम भाव से कऱम करूँ,
फिर अंत समय में प्राण तजूं,
निराकार तुम्हारे हाथों में ॥

सजा दो घर को गुलशन सा: भजन (Sajado Ghar Ko Gulshan Sa)

देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए - भजन (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

राम दरबार है जग सारा: भजन (Ram Darbar Hai Jag Sara)

मुझ में तुझ में बस भेद यही,
मैं नर हूँ तुम नारायण हो,
मैं हूँ संसार के हाथों में,
संसार तुम्हारे हाथों में ॥

अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में,
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment