राजा राम आइये,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये ॥
आचमनी अर्घा आरती,
यही यहाँ मेहमानी,
रुखी रोटी पाओ प्रेम से,
पियो नदी का पानी,
राजा राम आइयें,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये ॥
भूल करोगे यदि तज दोगे,
भोजन रुखे सुखे,
एकादशी आज मन्दिर में,
बैठे रहोगे भूखे,
राजा राम आइयें,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये ॥
राजा राम आइये,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये ॥
मेरा आपकी दया से सब काम हो रहा है - भजन (Mera Aap Ki Kripa Se Sab Kam Ho Raha Hai)
फूलों में सज रहे हैं - भजन (Phoolon Mein Saj Rahe Hai)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 1 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 1)
Post Views: 1,855