प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए
जो बने विषयों के प्रेमी उनको रोना चाहिए
मखमली गद्दे पे सोये ऐश और आराम से
मखमली गद्दे पे सोये ऐश और आराम से
वास्ते परलोक के भी कुछ तो बिछौना चाहिए
प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए
जो बने विषयों का भोगी उनको रोना चाहिए
बीज बोकर बाग़ के फल खाये है तुमने अगर
बीज बोकर बाग़ के फल खाये है तुमने अगर
वास्ते परलोक के भी कुछ तो बोना चाहिए
प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए
जो बने विषयों का भोगी उनको रोना चाहिए
चैत्र संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Chaitra Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 31 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 31)
दिन बिताया अगर तुम ऐश और आराम में
दिन बिताया अगर तुम ऐश और आराम में
रात में सुमरन हरि का कर के सोना चाहिए
प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए
जो बने विषयों का भोगी उनको रोना चाहिए








