चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी: भजन (Chandraghanta Maa Se Arji Meri)

jambh bhakti logo

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी ॥

दस हाथ सुशोभित है,
दस भुजा सुशोभित है,
सोने सा रूप तेरा,
जिस पर जग मोहित है,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी ॥

तू अति बलशाली है,
माँ अति बलशाली है,
दुष्टों का दमन करती,
तेरी शान निराली है,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी ॥

जादू या अजूबा है,
चंद्रघंटा सवारे दुनिया,
जिसने माँ को पूजा है,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी ॥

तलवार कमंडल माँ,
घंटे की प्रबल ध्वनि से,
गूंजे भूमंडल माँ,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी ॥

भोग दूध शहद भाता,
बस पूजन अर्चन से,
दुःख निकट नहीं आता,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी ॥

तेरी पूजा खुशहाली है,
हे मात चंद्रघंटा,
तेरी शान निराली है,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी ॥

एक तमन्ना माँ है मेरी - भजन (Ek Tamanna Ma Hai Meri)

मन मंदिर में राम होना चाहिए: भजन (Maan Mandir Mein Ram Hona Chahiye)

शीतला माता की आरती (Sheetla Mata Ki Aarti)

दुःख ‘अनुज’ का भी हरती,
शरणागत की रक्षा,
‘देवेन्द्र’ सदा करती,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी ॥

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी ॥

दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment