जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
जिन के द्वारे पर गंग बहे,
जिन के द्वारे पर गंग बहे,
तिन कूप का नीर पीया ना पीया,
तिन कूप का नीर पीया ना पीया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
जिन काम किया परमार्थ का,
जिन काम किया परमार्थ का,
तिन हाथ से दान दिया ना दिया,
तिन हाथ से दान दिया ना दिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
जिन के घर एक सपूत भयो,
जिन के घर एक सपूत भयो,
तिन लाख कपूत भया ना भया,
तिन लाख कपूत भया ना भया ॥
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
जिन मात पिता की सेवा करी,
जिन मात पिता की सेवा करी,
तिन तीर्थ व्रत किया ना किया,
तिन तीर्थ व्रत किया ना किया ॥
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
स्वस्ति / स्वस्तिक मंत्र (Swasti Mantra Or Swastivachan)
बाबा बालक नाथ आरती (Shri Baba Balaknath Aarti)
सजा है प्यारा दरबार बाबा का: भजन (Saja Hai Pyara Darbar Baba Ka)
जिन के द्वारे पर गंग बहे,
तिन कूप का नीर पीया ना पीया ।
जिन काम किया परमार्थ का,
तिन हाथ से दान दिया ना दिया ।
जिन के घर एक सपूत भयो,
तिन लाख कपूत भया ना भया ।
जिन मात पिता की सेवा करी,
तिन तीर्थ व्रत किया ना किया ।
तुलसीदास विचार कहे,
तुलसीदास विचार कहे,
कपटी को मीत किया ना किया,
कपटी को मीत किया ना किया ॥
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,