पत राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥
प्रथमे तुम्हे मनाए,
हे संग्राम विजेता,
पूजा करें तुम्हारी,
है देवन के देवा,
शीश झुकाऊं तुम्हे मनाऊ,
मैं तिलक लगाऊ भाल,
हम तेरी शरण आये,
पत राखों गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥
शंकर पिता तुम्हारे,
शिव शंकर कैलाशी,
रिद्धि सिद्धि के स्वामी,
लंबोदर अविनाशी,
मंगल करदो कंठ में भरदो,
मेरे सुंदर सुर और ताल,
हम तेरी शरण आये,
पत राखों गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥
संकट हर लो मेरे,
ए दुख हरने वाले,
झोली भर दो सबकी,
झोली भरने वाले,
जोश तुम्हारे आया द्वारे,
ले कर फूलो के हार,
हम तेरी शरण आये,
पत राखों गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥
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पत राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥