परदेस जा रहे हो,
कैसे जियेंगे हम,
कैसे जियेंगे हम कन्हैया,
कैसे जियेंगे हम,
दिल लेके जा रहे हो,
कैसे जियेंगे हम ॥
नैना बने हो आप ही,
काजल बने थे हम,
जब नैना ही बंद होंगे,
जब नैना ही बंद होंगे,
कैसे जियेंगे हम,
परदेस जा रहे हों,
कैसे जियेंगे हम ॥
मूरत बने थे आप ही,
मंदिर बने थे हम,
जब मंदिर ही बंद होंगे,
जब मंदिर ही बंद होंगे,
कैसे जियेंगे हम,
दिल लेके जा रहे हो,
कैसे जियेंगे हम ॥
चंदा बने थे आप ही,
चकवी बने थे हम,
जब चंदा ही ना रहा तो,
जब चंदा ही ना रहा तो,
कैसे जियेंगे हम,
दिल लेके जा रहे हो,
कैसे जियेंगे हम ॥
ऐसी क्या भूल हो गई,
मुझसे मेरे प्रीतम,
जब साँसे ना रही तो,
जब साँसे ना रही तो,
कैसे जियेंगे हम,
परदेस जा रहे हों,
कैसे जियेंगे हम ॥
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वरलक्ष्मी व्रत कथा (Varalakshmi Vrat Katha)
श्री सूर्य देव - जय जय रविदेव (Shri Surya Dev - Jai Jai Ravidev)
कैसी है प्रीति तेरी,
कैसी सजा दिया है,
जब प्राण ना रहे तो,
जब प्राण ना रहे तो,
कैसे जियेंगे हम,
परदेस जा रहे हों,
कैसे जियेंगे हम ॥
परदेस जा रहे हो,
कैसे जियेंगे हम,
कैसे जियेंगे हम कन्हैया,
कैसे जियेंगे हम,
दिल लेके जा रहे हो,
कैसे जियेंगे हम ॥