मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ,
रखी चरना दे कोल रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कौल
मेरी फ़रयाद तेरे दर अगे होर सुनावा किन्हु,
खोल न दफ्तर ऐबा वाले दर तो थक न मेनू,
दर तो थक न मेनू रखी चरणा दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ
तेरे जेहा मेनू होर न कोई मैं जेहे लख तेनु,
जे मेरे विच ऐब न हुँदै तू बखशेंदा किन्हु ,
तू बखशेंदा कहणु रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ
जे ओगन वेखे सहिभा ता कोई नही मेरी थाओ,
जे ते रोम शरीर दे ओह तो वध गुनाहों,
ओह तो वध गुन्हाओ रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कौल
औखे वेले कोई नही न बाबुल वीर न माओ,
सबे थके देवदे मेरी कोई न पकड़े बाहों,
मेरी कोई न पकड़े बाहों रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कौल
तू पापी पार लंगाया तेरा बक्शन हारा नाओ,
बिन मंग्या सब कुछ देवदा मेरा ठाकुर अगम अगाहो,
मेरा ठाकुर अगम अगाहो रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कौल
वेख न लेख मथे दे मेरे करमा ते न जावी,
रखी लाज बिरद दी सतगुरु अपनी भगती लावी,
अपनी भगती लावी रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कौल
बोल राधे, बोल राधे - भजन (Bol Radhey, Bol Radhey)
सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र भाग 3
भक्तामर स्तोत्र - भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा (Bhaktamara Stotra)
लंग गया गुरु कलगियाँ वाला अखी आगे सियो,
जानी पीछे जान आसा दी नैना रास्ते गाइयो,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कौल
उचे टीले चड चड वेखा बिट बिट अखी झाका,
दर्द विछोडे प्रीतम वाले मैं रो रो मारा हाका,
मैं रो रो मारा हाका रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ
रास्ते दे विच गुरु जी तेरे एह दिल फर्श विशावा,
सोहने चरण तुहाडे जोड़ा एह दोवे नैन बनावा,
एह दो नैन बनावा रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ
जवानी गई भुड़ापा आया उमरा लगी किनारे,
बीते जो तेरे चरना दे वोच सोई भले दिहाड़े,
सोई भले दिहाड़े रखी चरना दे कोल,
मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ