कितना प्यारा है सिंगार,
की तेरी लेउ नज़र उतार,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा है सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥
सांवरिया तुमको किसने सजाया है,
तुझे सुन्दर से सुन्दर कजरा पहनाया है,
कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥
केशर चन्दन तिलक लगाकर,
सज धज कर के बैठ्यो है,
लग गए तेरे चार चाँद जो,
पहले तो निहार
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥
सांवरिया तेरा चेहरा चमकता है
तेरा कीर्तन बहुत बड़ा,
दरबार महकता है,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥
किसी भगत से कह कर कान्हा,
काली टिकी लगवाले
या फिर तू बोले तो लेउ,
नूनराइ वार,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा हैं ॥
सांवरिया तेरे भगतो को तेरी फ़िक्र
कही लग ना जाये तुझे,
दुनिया की बुरी नज़र,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥
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पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 28 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 28)
पता नहीं तू किस रंग का है,
आज तलक ना जान सकी,
बनवारी हमने देखे है तेरे रंग हजार,
कितना प्यारा हैं,
ओ हो, कितना प्यारा है सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥
सांवरिया थोड़ा बच बच के रहना जी
कभी मान भी लो कान्हा,
भक्तो का कहना जी,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा हैं सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥
सांवरिया तेरा रोज करू श्रृंगार
कभी कुटिया में मेरे,
आजाओ एक बार,
कितना प्यारा है,
ओ हो, कितना प्यारा है सिंगार,
की तेरी लेउ नजर उतार,
कितना प्यारा है ॥
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