राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक – भजन (Radhe Krishna Ki Jyoti Alokik)

jambh bhakti logo

राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक,
तीनों लोक में छाये रही है ।
भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन,
फिर भी दीप जलाये रही है ।
कृष्ण को गोकुल से राधे को…
कृष्ण को गोकुल से राधे को,
बरसाने से बुलाय रही है ।

दोनों करो स्वीकार कृपा कर,
जोगन आरती गाये रही है ।
दोनों करो स्वीकार कृपा कर,
जोगन आरती गाये रही है ।

भोर भये ते सांज ढ़ले तक,
सेवा कौन इतनेम म्हारो ।
स्नान कराये वो वस्त्र ओढ़ाए वो,
भोग लगाए वो लागत प्यारो ।
कबते निहारत आपकी ओर…
कबते निहारत आपकी ओर,
की आप हमारी और निहारो ।

राधे कृष्ण हमारे धाम को,
जानी वृन्दावन धाम पधारो ।
राधे कृष्ण हमारे धाम को,
जानी वृन्दावन धाम पधारो ।

आरती कुंजबिहारी की | आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन | श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं | आरती श्री बाल कृष्ण जी की | ॐ जय जगदीश हरे | मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं | कृष्ण भजन | अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं | श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी

यशोमती नन्दन बृजबर नागर - भजन (Yashomati Nandan Brijwar Nagar)

श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान की बाल लीला भाग 1

मेरी अखियाँ तरस रही, भोले का दीदार पाने को: भजन (Meri Akhiyan Taras Rahi Bhole Ka Didar Pane Ko)

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment