भजन करो मित्र मिला आश्रम नरतन का – भजन (Bhajan Karo Mitra Mila Ashram Nartan Ka)

jambh bhakti logo

भजन करो मित्र मिला,
आश्रम नरतन का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥
भजन करो मित्र मिला,
आश्रम नरतन का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥

पंच महले बंगले का तू है निवासी
पंच महले बंगले का तू है निवासी
पंच ज्ञान पंच कर्म इंद्रियां हैं दासी ॥
काया है कीमती मगर है बिनशी
करले राम बंदगी है जिंदगी जरा सी ॥
बार बार मिलता नहीं,
अवसर भजन का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥

भजन करो मित्र मिला,
आश्रम नरतन का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥

रामरूप जगत जान करले आराधना
रामरूप जगत जान करले आराधना
प्रभू दीखें सब में तो होवे अपराध ना
वासना से मुक्ति मिले ऐसी कर साधना
दुःख रहे दूर यदि सुख की हो साधना ॥
सार है यही यार सद्गुरु वचन का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥

भजन करो मित्र मिला,
आश्रम नरतन का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥

खुद को देह मानकर, खुद का होश खोया
कर्ता बन तूने ही कर्म बीज बोया
सपने को सच समझा मोह नींद सोया
सुख में प्रसन्न हुआ दुःख देख रोया ॥
यही एक कारण है जीवन मरण का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥

बाबा तुम जो मिल गए - श्री श्याम भजन (Baba Tum Jo Mil Gaye)

तेरे जीवन में खुशियां, तमाम आएगी: भजन (Tere Jeevan Main Khushiyan Tamam Aayegi)

क्रोधात् भवति संमोहः (Krodhad Bhavati Sammohah)

भजन करो मित्र मिला,
आश्रम नरतन का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥

राजेश्वर गुरु ज्ञान गंगा नहा ले
राजेश्वर गुरु ज्ञान गंगा नहा ले
आत्मबोध पाकर के फल जीवन का पा ले ॥
रामजी से प्रीत कर राम गीत गा ले
राम नाम सुमिरन कर जिंदगी बना ले ॥
होगा अनुग्रह प्रभु असरन शरन का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥

भजन करो मित्र मिला,
आश्रम नरतन का ।
श्वास की सुमिरिनी है,
मन को बना मनका ॥
– स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment