कावड़ उठाले ध्यान,
शिव का लगाले ॥
दोहा – शिव समान दाता नहीं,
विपत्ति निवारण हार,
लज्जा सब की राखियों,
शिव वर्धा के असवार ॥
कावड़ उठाले ध्यान,
शिव का लगा ले,
भर देंगे झोली भोले,
बिगड़ी बना ले,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव ॥
सावन की देखो,
बरसे बदरिया,
लगन लगी भोले से,
रूके ना कांवडिया,
नमः शिवाय ओम,
नमः शिवाय,
हर हर महादेव,
हर कोई बोले बम बम,
के जयकारे,
भर देंगे झोली भोले,
बिगड़ी बना ले,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव ॥
कोई लाये कावड़ भर के,
गंगा के जल से,
कोई लाए कावड़ भरके,
यमुना के जल से,
नमः शिवाय ओम,
नमः शिवाय,
हर हर महादेव,
मैं भी अपनी कावर लाया,
चंबल के जल से,
राम तेरी शरण में आया,
फरियाद सुन ले,
भर देंगे झोली भोले,
बिगड़ी बना ले,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव ॥
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु: भजन (Mann Mohan Murat Teri Prabhu)
हे जग स्वामी, अंतर्यामी, तेरे सन्मुख आता हूँ! (He Jag Swami Anataryami, Tere Sanmukh Aata Hoon!)
कभी-कभी भगवान को भी भक्तो - भजन (Kabhi Kabhi Bhagwan Ko Bhi Bhakto Se Kam Pade)
कावड उठा ले ध्यान,
शिव का लगा ले,
भर देंगे झोली भोले,
बिगड़ी बना ले,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव ॥








