गौरी के लाल तुमको,
सादर नमन हमारा,
गौरी के लाल तुमकों,
सादर नमन हमारा,
हर काम से मैं पहले,
सुमिरण करूँ तुम्हारा,
गौरी के लाल तुमकों,
सादर नमन हमारा ॥
हो लाड़ले उमा के,
शिव जी के हो दुलारे,
संग रिद्धि सिद्धि देवी,
रहती सदा तुम्हारे,
सेवक है प्रिय मूषक,
सेवक है प्रिय मूषक,
वाहन प्रभु तुम्हारा,
गौरी के लाल तुमकों,
सादर नमन हमारा ॥
हो चार भुजा धारी,
भारी विशाल काया,
पुष्पों की गले माला,
सिंदूर तिलक भाया,
मोदक है सबसे प्यारा,
मोदक है सबसे प्यारा,
भोजन प्रभु तुम्हारा,
गौरी के लाल तुमकों,
सादर नमन हमारा ॥
कही वक्रतुण्ड हो तुम,
कही अर्ध चंद्र धारी,
कोई एकदन्त कहता,
कोई बोले विघ्नहारी,
किस नाम से प्रभु जी,
किस नाम से प्रभु जी,
गौरी के लाल तुमकों,
सादर नमन हमारा ॥
लम्बोदरा तुम्ही हो,
तुम्ही गजकर्ण हो प्यारे,
चमके करोड़ो सूरज,
प्रभु तेज से तुम्हारे,
जिस नाम से पुकारूँ,
जिस नाम से पुकारूँ,
देना प्रभु सहारा,
गौरी के लाल तुमकों,
सादर नमन हमारा ॥
हो सके जो अगर श्याम मेरे: भजन (Ho Sake Jo Agar Shyam Mere)
संत साहित्य ..(:- समराथल कथा भाग 15 🙂
जगन्नाथ भगवान जी का भजन (Jagannath Bhagwan Ji Ka Bhajan)
कहती है दुनिया तुमको,
शुभ कार्य करने वाले,
नादान इस ‘अमर’ को,
दो ज्ञान के उजाले,
आकर के हे गजानन,
आकर के हे गजानन,
मेटो विघन हमारा,
गौरी के लाल तुमकों,
सादर नमन हमारा ॥
गौरी के लाल तुमको,
सादर नमन हमारा,
गौरी के लाल तुमकों,
सादर नमन हमारा,
हर काम से मैं पहले,
सुमिरण करूँ तुम्हारा,
गौरी के लाल तुमकों,
सादर नमन हमारा ॥