गणपति तुम सब गण के राजा,
गणपति तुम सब गण के राजा,
पूरण करो हमारे काज,
पूरण करो हमारे काज,
गणपति तूम सब गण के राजा,
पूर्ण करो हमारे काज ॥
आशुतोष सूत तुम दुर्वा से,
तुष्ट होते महाराज गणपति,
पूरण करो हमारे काज,
पूरण करो हमारे काज,
गणपति तूम सब गण के राजा,
पूर्ण करो हमारे काज ॥
चन्द्र भाल तनु विशाल शोभित,
राखत बदन प्रलाज गणपति,
पूरण करो हमारे काज,
पूरण करो हमारे काज,
गणपति तूम सब गण के राजा,
पूर्ण करो हमारे काज ॥
कठिन काल आया है स्वामी,
राखो सबकी लाज गणपति,
पूरण करो हमारे काज,
पूरण करो हमारे काज,
गणपति तूम सब गण के राजा,
पूर्ण करो हमारे काज ॥
आरती होजी समराथल देव, विष्णु हर की आरती देव ........जम्भेश्वर भगवान आरती।
तू प्यार का सागर है: भजन (Tu Pyar Ka Sagar Hai)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 2 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 2)
गणपति तुम सब गण के राजा,
गणपति तूम सब गण के राजा,
पूरण करो हमारे काज,
पूरण करो हमारे काज,
गणपति तूम सब गण के राजा,
पूर्ण करो हमारे काज ॥