॥श्लोक॥
प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात,
मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ॥
गजानंद महाराज पधारो,
कीर्तन की तैयारी है,
आओ आओ बेगा आओ,
चाव दरस को भारी है॥
थे आवो ज़द काम बणेला,
था पर म्हारी बाजी है,
रणत भंवर गढ़ वाला सुणलो,
चिन्ता म्हाने लागि है,
देर करो मत ना तरसाओ,
चरणा अरज ये म्हारी है,
॥गजानन्द महाराज पधारो..॥
रीद्धी सिद्धी संग आओ विनायक,
देवों दरस थारा भगता ने,
भोग लगावा ढोक लगावा,
पुष्प चढ़ावा चरणा मे,
गजानंद थारा हाथा मे,
अब तो लाज हमारी है,
॥गजानन्द महाराज पधारो..॥
भगता की तो विनती सुनली,
शिव सूत प्यारो आयो है,
जय जयकार करो गणपति की,
म्हारो मन हर्शायो है,
बरसेंगा अब रस कीर्तन मे,
भगतौ महिमा भारी है,
॥गजानन्द महाराज पधारो..॥
संकट हरलो मंगल करदो, प्यारे शिव गौरा के लाल: भजन (Sankat Harlo Mangal Kardo Pyare Shiv Gaura Ke Lal)
सुखी मेरा परिवार है, ये तेरा उपकार है: भजन (Sukhi Mera Parivar Hai Ye Tera Upakar Hai)
गजानंद महाराज पधारो,
कीर्तन की तैयारी है,
आओ आओ बेगा आओ,
चाव दरस को भारी है॥